तुर्की 1990 के दशक में एक ऐसा देश था जो कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे थे. लेकिन इसके बाद तुर्की ने विकास की जो राह पकड़ी है वो तारीफ के क़ाबिल है. तुर्की के विकास में सबसे बड़ा योगदान तुर्की राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान का है. बतौर राष्ट्रपति एर्दोगान ने अपने देश में बहुत ही विकास किया है. राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान को न-पसंद करने वाले लोग भी इस बात को मानते हैं कि उन्होंने देश में कई विकास के काम किये हैं.
एर्दोगान ने स्वास्थ संबंधी सेवाओं पर भी जमकर काम किया है और उनके इस काम की चर्चा यूरोप समेत पूरी दुनिया में हो रही है. एर्दोगान पिछले कुछ सालों में एक बड़े नेता बनकर उभरे है इसमें कोई दोराह नहीं है कि उन्होंने दुनिया भर में अपनी पहचान बना ली है.

एर्दोगान की दुनिया भर में तो साख बेहतर तो हो ही रही है साथ ही उन्होंने कभी भी तुर्की में विकास कार्य में कोई ढिलाई नहीं बरती है. ऐसा ही कुछ उन्होंने एक बार फिर से किया है जो तुर्की के अखबारों में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में खबरों की सुर्ख़ियों में छाया हुआ है.
इस समय तुर्की स्वास्थ सेवाओं पर जिस तरीके से ध्यान दे रहा है उसे पूरी दुनिया देख रही है. जुमेरात के रोज़ तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने देश की राजधानी अंकारा के बिल्केंत ज़िले में यूरोप के सबसे बड़े हॉस्पिटल का उदघाटन करके इतिहास रचा है.

इस दौरान एर्दोगान ने शहरों में बनने वाले अस्पतालों को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताया. 14 मार्च को किये गए इस उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति एर्दोगान के साथ साथ स्वास्थ्य मंत्री फहार्टिन कोजी समेत 45 विदेशी देशों के राजदूत और प्रतिनिधि भी शामिल हुए.
आपको बता दें कि बिल्केंट अस्पताल परिसर में 3,704 बिस्तर, 904 कमरे, 674 स्थानों के लिए एक गहन देखभाल इकाई और 131 सर्जरी कक्ष मौजूद हैं और जहां प्रतिदिन 600 से अधिक ऑपरेशन किए जा सकते हैं. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री कौजी ने बताया कि बिल्केंट अस्पताल यूरोप में सबसे बड़ा परिसर बन गया है.

इस दौरान उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जटिल बनाते समय, प्रयोगशाला अध्ययन और नए अस्पताल के सर्जिकल विभागों में उपयोग की जाने वाली नई प्रौद्योगिकियों की शुरूआत पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. तुर्की सरकार पिछले काफी समय से देश भर में स्वास्थ सुविधाएं बेहतर करने में जुटी हुई है.