देश में होने वाले आम चुनाव से ठीक पहले उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी सियासत का अखाड़ा बनती जा रही है. मंगवार को युनिवर्सिटी में जोरदार हंगामा हुआ. हंगामा उस समय शुरू हुआ जब अर्नब गोस्वामी के चैनल रिपब्लिक टीवी की दो महिला पत्रकार बिना इजाजत के कैंपस के अंदर आ गई और रिपोर्टिंग शुरू कर दी. महिला रिपोटर ने इस दौरान विश्वविद्यालय को कथित तौर पर आतंक$वादियों का विश्वविद्यालय बताया. जिसके चलते छात्र नाराज हो गए और पत्रकारों को युनिवर्सिटी परिसर से बाहर निकाल दिया.
आरोपों के अनुसार अर्नब की महिला रिपोर्टर ने अपनी रिपोर्टिंग शुरू करते हुए कथित तौर पर कहा कि देखिए आतं$कवादियों के परिसर से सीधा लाइव. इसके बाद वहां मौजूद छात्रों ने उन्हें रोका और आतंक$वाद का अखाड़ा बताने पर विरोध किया लेकिन रिपोर्टर नहीं मानी जिसके बाद दोनों के बीच धक्का मुक्की शुरू हो गयी.

मौजूद छात्रों ने चैनल के कर्मचारियों को लाइव रिपोर्टिंग करने से रोक दिया. इस दौरान कैमरामैन के साथ भी मामूली हाथापाई हुई. देखते देखते मामला बढ़ने लगे जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने बीच बचाव किया. पुलिस ने अनुसार छात्रों पर पत्रकारों के बीच कथित कार्यक्रम को लाइव करने को लेकर हंगामा हो गया था.
पुलिस ने बताया कि एएमयू में आयोजित एक बैठक को लाइव दिखाने के लिए रिपब्लिक टीवी के कर्मचारी परिसर में आए थे जिनसे छात्रों ने कथित तौर पर अभद्रता की. पुलिस के मुताबिक इस दौरान युनिवर्सिटी में चैनल की दो महिला रिपोर्टर और कैमरामैन के साथ धक्का-मुक्की की गई और उनका कैमरा भी तोड़ गया.
The below video clip completely exposed @republic & @nalinisharma_ . Security person was requesting them to sought permission and shameless Nalini was continuously reporting the Allahabad Univ issue from AMU Campus. She was not even listening to the request. pic.twitter.com/Zm7UKFllx9
— Shamshir (@shamshir_gaya) February 13, 2019
वहीं एएमयू के छात्र नेता शरजील उस्मानी ने बताया कि कैंपस में कोई कार्यक्रम नही था लेकिन रिपब्लिक टीवी की दो महिला रिपोर्टर जहां आकर रिपोर्टिंग कर रही थी. हमें कुछ समझ नहीं आया कि यह लोग किस चीज की रिपोर्टिंग करने आए थे. उन्होंने बोलना शुरू किया और कहा कि रिपोर्टिंग लाइव ऑफ द कैंपस ऑफ टेरेरिस्ट (आतंकवादियों के परिसर से सीधा प्रसारण).

इस पर हम ने उन्हें रोकते हुए पूछा कि यह क्या बदतमीजी है? जिसके बाद उन्होंने मुझे धक्का मारा और कहा कि जाओ अपना काम करो. इस पर हमनें कैमरामैन को रोका तो रिपोर्टर जोर-जोर चिल्लाकर कहने लगी देखिए कैसे आतंक$वादी बच्चे अपना असली चेहरा दिखा रहे हैं.
फिर हमने कैमरे को बंद करने का प्रयास किया तो कैमरामैन ने पेन से मेरे हाथ पर हमला कर दिया. इसके बाद मैंने भी उसे एक थप्पड़ जड़ दिया और परिसर से बाहर निकाल दिया. हम लोगों ने महिला रिपोर्टर के साथ कुछ नहीं किया. उनका बदसलूकी का आरोप गलत है हमने उन्हें सम्मानपूर्वक परिसर से बाहर निकाला था.