क्रिकेट विश्व कप का फ़ाइनल मुक़ाबला काफ़ी रोमांचक रहा. ये वर्ल्डकप का फाइनल मुकाबला नाखून चबा देने वाला था.शायद यह क्रिकेट के इतिहास का पहला ऐसा मौका था जब सुपर ओवर भी टाई हो गया इस फाइनल में मनो क्रिकेट दर्शकों की सांसें थम सी गईं थी शायद इससे बढ़िया क्रिकेट वर्ल्डकप का फाइनल न कभी देखा और न कभी होगा पहले मैच टाई हुआ और उसका नतीजा निकालने के लिए सुपर ओवर लेकिन वो भी टाई हो गया. लेकिन इंग्लैंड वर्ल्ड चैंपियन बन गया और न्यूजीलैंड के लाखों क्रिकेट फैंस का दिल टूट गया. जब स्कोर टाई रहा तो फिर इंग्लैंड कैसे जीता? ये सवाल हर किसी के मन में है. इस सवाल का जवाब यहां पढ़ें।
विश्व विजेता की घोषणा के बाद दोनों टीमों के प्रशंसक दो धड़ों में बंट गए. विजेता टीम का समर्थन करने वाले प्रशंसक नियम तो नियम होता है का तर्क दे रहे हैं तो हारने वाली टीम के प्रशंसक उस नियम को ग़लत ठहरा रहे हैं जिसके तहत सबसे ज़्यादा बाउंड्री लगाने वाली टीम को विजेता घोषित किया गया. आईसीसी के रूल बुक के इस नियम की वजह से इंग्लैंड की क्रिकेट टीम पहली बार विश्व विजेता बन पाई है।

दरअसल न्यूज़ीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 241 रन बनाए और इंग्लैंड को वर्ल्ड चैंपियन बनने के लिए 242 रन बनाना थे लेकिन इंग्लैंड भी 50 ओवर में सिर्फ 241 रन ही बना सका और मैच टाई हो गया इस टाई मैच का नतीजा निकालने के लिए दोनों टीमों को एक एक सुपर ओवर दिया गया, जिसमें इंग्लैंड ने एक ओवर में 15 रन बनाए और फिर बाद में न्यूज़ीलैंड ने भी 15 रन ही बनाये और फिर ये मैच भी टाई हो गया।
So close, yet so far. But so much to be proud of. #CWC19 | #BackTheBlackCaps | #CWC19Final pic.twitter.com/577aheGo3i
— Cricket World Cup (@cricketworldcup) July 14, 2019
बाउंड्री के आधार पर निकला नतीजा
जब कोई भी नतीजा नहीं निकला तो किसकी बाउंड्री ज्यादा है उसके आधार पर मैच का नतीजा निकला. और इसी आधार पर इंग्लैंड वर्ल्डकप जीत गया. इंग्लैंड ने अपनी पारी में कुल 26 बाउंड्री लगाई और न्यूजीलैंड ने कुल 17
आईसीसी के नियम 19.8 के अनुसार, अगर ओवर थ्रो या किसी फ़ील्डर के चलते बाउंड्री हो तब बल्लेबाज़ों के द्वारा पूरे किए गए रन को भी जोड़कर दिया जाना चाहिए पूरे किए रन के साथ अगर बल्लेबाज़ थ्रो या एक्ट के वक्त कोई रन पूरा करने के लिए एक दूसरे को क्रास कर चुके हों तो वो भी रन पूरा माना जाएगा।

नियम का दूसरा हिस्सा इस मैच के लिहाज से बेहद अहम है. क्योंकि मैच के वीडियो फुटेज में साफ़ दिख रहा है कि गप्टिल ने जब डायरेक्ट थ्रो किया तब बेन स्टोक्स और आदिल राशिद ने दूसरे रन के लिए एक दूसरे को क्रॉस नहीं किया था. हालांकि मूल नियम में थ्रो के साथ एक्ट भी लिखा है, जिससे इस बात की संभावना भी बनती है कि एक्ट का मतलब गेंद के बल्ले से टकराना या फ़ील्डर से टकराना हो. यह भी हो सकता है. लेकिन नियम में बल्लेबाज़ के एक्शन का कोई जिक्र नहीं है।
वैसे इस मामले पर आईसीसी ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है
वहीं 50वें ओवर की चौथी गेंद पर बने छह रन में जो अतिरिक्त रन था वो वजह रहा जिसके चलते न्यूज़ीलैंड वर्ल्ड कप गंवा बैठा, इससे सहमत नहीं होने वाले भी इस बात से तो सहमत होंगे है कि उस ओवरथ्रो के चौके के चलते न्यूज़ीलैंड के हाथों से वर्ल्ड कप फिसल गया।