Ajmer: नागिरकता संशोधन एक्ट के खिलाफ देश भर में विरोध-प्रदर्शन थमता नजर नहीं आ रहा है। शुक्रवार को एक बार फिर जुमे की नमाज के बाद कई शहरों में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया। राजस्थान के अजमेर में दरगाह के खादिमों सहित बड़ी संख्या में मुसलमा’नों ने नागिरकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध मार्च निकाला और इस विवा’दास्प’द कानून को वापस लेने की मांग की।
इस दौरान आज फिर जुमे की नमाज के बाद हजरत मोईनुद्दीन चिश्ती दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख दीवान जैनुल आबेदीन अली खान का पुतला भी जलाया, उन्होंने आबेदीन अली खान पर सीएए के मुद्दे पर मुसलमा’नों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
आपको बता दें पिछले हफ्ते दरगाह दीवान ने कहा था कि इस कानून को लेकर लोगों में गलत जानकारी फैलाई जा रही है. केंद्र सरकार ने जो नागरिकता संशोधन कानून बनाया है वह इस देश के मुसलमा’नों के खिलाफ नहीं है। इस कानून से भारत के किसी भी मुसलमा’न को डरने की जरूरत नहीं है। दीवान के इसी बयान के चलते देश भर के मुसलमा’न भड़’क उठे थे।
Muslims take out protest march against CAA in Ajmer, burn Ajmer Dargah deewan’s effigy for “misleading” the community on the issue
— Press Trust of India (@PTI_News) December 27, 2019
वही अजमेर दरगाह के खादिम सरवर चिश्ती ने कहा केंद्र को अधिनियम को निरस्त करना चाहिए, जो संविधान की प्रस्तावना पर हम’ला है। सरकार को यह भी कहना चाहिए कि एनआरसी (नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर) देशभर में लागू नहीं किया जाएगा।
चिश्ती ने आरोप लगाया कि दरगाह दीवान ने यह कहते हुए मुसलमानों को गुमराह किया कि संशोधित अधिनियम उनके खिला’फ नहीं है, इसलिए उनका पुत’ला जला’या गया। हालांकि, सोमवार को खान ने मांग की कि सरकार ने संशोधित नागरिकता अधिनियम के कार्यान्वयन को रोक दिया जाए और इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा।