दुनिया भर में रमज़ान के पाक माह का जश्न मनाया जा रहा है. रमज़ान के महीने में दुनिया भर में मुस्लिम रोज़ा रखकर खुदा की इबादत करने में जुटे हुए है. लेकिन इस बीच दुनिया के सबसे बड़े और पवित्र इस्लामिक तीर्थों के लिए जाने जाने वाले सऊदी अरब में अचानक से अस्थिरता का माहौल बनता नजर आ रहा है. इन संभवनाओं के चलते सऊदी प्रशासन में हडकंप मच गया है.
इसी बीच सऊदी अरब ने दो पवित्र मस्जिदों के कस्टोडियन किंग सलमान ने रमजान के 25 वें दिन यानि की 30 मई को मक्का में खाड़ी और अरब नेताओं के आपातकालीन शिखर सम्मेलन बुलाए हैं. इसके बाद से ही दुनिया भर में इस बात पर चर्चे शुरू हो गए है.

बताया जा रहा है कि यह बैठक यूएई क्षेत्रीय जल में वाणिज्यिक जहाजों के हम’लों के मद्देनजर क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी.
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि ईरानी समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा दो सऊदी पंपिंग स्टेशनों पर ह’मलो के बाद सऊदी ने यह बड़ा कदम उठाया है. इस बात की जानकारी विदेश मंत्रालय से जुड़े एक आधिकारिक सूत्र द्वारा दी गई है.
माना जा रहा है कि इन हम’लों के क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और सुरक्षा के साथ-साथ वैश्विक तेल आपूर्ति और बाजारों की स्थिरता पर गंभीर परिणाम पड़ सकते हैं. दरअसल हाल ही में हाऊती विद्रोहियों ने सऊदी के दो तेल पंपों के खिलाफ ड्रोन हमले किये थे.
जिसके बाद सऊदी अरब के गठबंधन सेना ने यमन में हाऊती विद्रोहियों के खिलाफ सैन्य अभियान चलाने का ऐलान किया था. जिसके बाद सऊदी अरब के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना ने उनके कब्जे वाले क्षेत्र में 19 हवाई हम’ले किये हैं जिसमें से 11 तो सिर्फ राजधानी में किये थे.
गठबंधन के प्रवक्ता तुरकी अल-माल्की ने कहा कि इस अभियान का लक्ष्य हाऊती विद्रोहियों की आक्राम’कता नष्ट करना है. आपको बता दें कि मंगलवार को सउदी अरब के पूर्वी-पश्चिमी पाइपलाइन के दो पंपिंग स्टेशन को ड्रोन ह’मले से निशाना बनाया गया था.