फिलिस्तीन और इजराइल के बीच काफी लंबे समय से तनाव बना हुआ है. इसी दौरान इजरायली बालों ने फिलिस्तीन की मस्जिद अल अक्सा को अपने कब्जे में ले लिया था. इजरायल द्वारा मस्जिद को बंद कर दिया गया था जिसके बाद फिलिस्तीनी मुसलमान इसका लगातार विरोध कर रहे थे. इस दौरान कई बार फिलिस्तीनी मुसलमानों और इजरायल के सुरक्षा बलों के बीच हिं$सक झड़प देखने को मिलती रही. इस दौरान बड़ी तादात में इजरायल ने फिलिस्तीनी मुस्लिमों का खू$न बहाया और उनका क$ल्लेआम किया.
लेकिन इसके बाद भी फिलिस्तीनी मुसलमानों ने जज्बा नहीं हरा और वह अपने हक़ के लिए लड़ते रहे और अब आखिरकार फिलिस्तीनी अवाम ने मस्जिद अल अक्सा का अल रहमा गेट को 16 साल पर दुबारा खोल ही दिया. उन्होंने अपनी हिम्मत और हौसले से इसे संभव कर दिखाया.

साथ ही इस मौके पर फिलिस्तीनी मुस्लिमों द्वारा मोहब्बत के साथ जुमे की नमाज़ अदा की गई. आज के इस मामले ने ज़ियोनिस्ट मूवमेंट को दिखा दिया है कि असलहे और हथियार की ताक़त इंसानों की हिम्मत हौसले जज्बे और शुजाअत से बड़ी नहीं होती है. इंसान के हौसले के आगे यह सब कुछ भी नही है.

आपको बता दें कि मंगलवार शाम को इजरायली बलों के कब्जे वाले शहर यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद के अंदर फिलिस्तीनी मुस्लिम नमाजियों ने हमला बोल दिया था. इस दौरान इजरायल बलों के हमले से कई लोगों को घायल कर दिया जबकि कई अन्य लोगों को गिरफ्तार भी किया गया.

इज़रायल की जवाबी कार्रवाई अल-रहमा गेट के पास फ़्लैशपाइंट मस्जिद में मग़रिब की नमाज़ के बाद हुई. चश्मदीद गवाहों के अनुसार सैनिकों की संख्या बहुत बड़ी तादात में थी. वहीं फिलिस्तीनी रेड क्रीसेंट ने बताया कि उनकी टीम द्वारा अस्पताल में रास्ते से घायल एक नमाज़ी का इलाज किया गया.

वहीं बिना अधिक जानकारी दिए इजरायली बलों ने 22 फिलिस्तीनियों को मस्जिद परिसर से हिरासत में लिया है. वहीं रविवार शाम को इज़राइली पुलिस ने अस्थायी रूप से एक बार फिर से अल-रहमा गेट को बंद कर दिया जिससे बाद फिर से फिलिस्तीनी मुस्लिमों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है.